मैं मिजोरम को लोगों को कपड़ा और वस्त्र निर्माण केंद्र समर्पित कर काफी खुश हूं। यह केंद्र स्थानीय उद्यमियों लोगों को मौका मुहैया कराने के लिए स्थापित किया गया है ताकि वे अपने विचारों और डिजाइनों को बढ़ते हुए कारोबार में तब्दील कर सकें। कपड़ा केंद्रों का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत युवाओं के लिए नए अवसरों के सृजन के सरकार की प्रतिबद्धता के सबूत हैं। केंद्र न केवल स्थानीय उद्यमियों के लिए नए अवसर मुहैया कराएगा
बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी देगा।
4 जून, 2016 को मिजोरम, आइजोल के इंडस्ट्रियल ग्रोथ सेंटर में कपड़ा और वस्त्र निर्माण केंद्र का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार का वक्तव्य
कपड़ा और वस्त्र निर्माण केंद्र का उदघाटन करते हुए माननीय मंत्री महोदय ने उम्मीद जताई कि मिजोरम में वस्त्र उद्योग स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएगा। इस केंद्र को चलाने जा रहे युवा उद्यिमयों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इन इकाइयों को व्यावसायिक रूप से सफल बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में हरसंभव मदद करेगी। सरकार इस क्षेत्र में वस्त्र उद्योग को विकास के लिए जरूरी सभी जरूरतों को पूरी करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि अपना कारोबार शुरू करने के लिए सरकार की वित्तीय सहायता योजनाओं की भी मदद दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में आधुनिक रेडीमेड वस्त्र उद्योग को लाने के लिए वस्त्र केंद्र सरकार की ओर से शुरू किए गए शुरूआती संगठित प्रयास हैं। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है फैशन पसंद करने वाले मिजोरम में कपड़ा उद्योग का चेहरा बदलने की पूरी क्षमता है। अगर इस राज्य को सरकार की सक्षम नीतियों का समर्थन मिले और माहौल अनुकूल रहे तो मिजोरम में वस्त्र उद्योग का चेहरा बदलने की क्षमता है। मिजोरम में वस्त्र उद्योग के विकास से परंपरागत क्षेत्र जैसे हथकरघा, हैंडलूम सेक्टरों को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के रोजगार में बढ़ोतरी होगी। इस तरह पारंपरिक डिजाइन आधुनिक वस्त्र उद्योग में भी दिखाई देंगे।
मिजोरम में रेशम कीड़ा पालन, हैंडलूम, कपड़ा और वस्त्र निर्माण के छह केंद्रों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। इन सभी परियोजनाओं की कीमत 114.82 करोड़ रुपये है। इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 102.90 करोड़ रुपये है। इन सभी केंद्रों का अधिकतम लाभ लेने के लिए सभी परियोजनाओं को आपस में मिलाना जरूरी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही वह हरेक राज्य अनोखी संस्कृति और समृद्ध विरासत को भी बरकरार रखना चाहती है। सरकार सबका साथ, सबका विकास की तर्ज पर काम करना चाहती है। उन्होंने केंद्र सरकार के इस विचार को मूर्तरूप देने के लिए सहयोग की मांग की।
मंत्री महोदय ने केंद्र सरकार की इस परियोजना में सक्रिय मदद देने के लि राज्य सरकार के सक्रिय समर्थन की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस सक्रिय मदद के बगैर यह परियोजना पूरी नहीं हो पाती।
उदघाटन समारोह में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, मिजोरम के उद्द्योग मंत्री श्री एच रोल्हुना, मिजोरम के रेशम कीट पालन मंत्री डॉ. बी.डी. चकमा, केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय की कपड़ा आयुक्त डॉ. कविता गुप्ता, संसदीय सचिव श्री जोसफ लालिमपुइया और अन्य गणमान्य विशिष्ट अतिथि मौजूद थे।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1 दिसंबर, 2014 को नगालैंड ने यह घोषणा की थी कि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में कपड़ा और वस्त्र निर्माण केंद्र खोले जाएंगे। इस परियोजना के तहत सभी आठ राज्यों में हरेक में कपड़ा और वस्त्र निर्माण केंद्र में 100 औद्योगिक सिलाई और अन्य वस्त्र मशीनों वाली तीन इकाइयां होंगी। इनके लिए कुल 145.44 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यानी प्रत्येक केंद्र पर 18.18 करोड़ रुपये।
इस अभियान के तहत स्थापित हरेक कपड़ा और वस्त्र निर्माण केंद्र से 1200 लोगों को सीधा रोजगार मिल सकेगा। हरेक राज्य में एक केंद्र होगा और इनमें तीन इकाइयां होंगी। हरेक में 100 मशीनें होंगी। मुफीद पृष्ठभूमि वाले स्थानीय उद्यमियों को कारोबार शुरू करने के लिए मदद दी जाएगी। एक बार इन उद्यमियों को सहायता देने के बाद उनसे अपनी इकाई शुरू करने की उम्मीद की जाती है। नए उद्यमियों को हरसंभव मदद की जाएगी।
सरकार ने यह पहल नॉर्थ ईस्ट रीजन टेक्सटाइल प्रमोशन स्कीम यानी एनईआरटीपीएस, वस्त्र मंत्रालय के अधीन की है। एनईआरटीपीएस कपड़ा क्षेत्र के अलग-अलग क्षेत्र, जैसे- रेशम, हैंडलूम, हस्तकला, कपड़ा और वस्त्र की छतरी योजना है।
पूर्वोत्तर में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने की मंत्रालय की योजना के तहत मिजोरम का कपड़ा और वस्त्र निर्माण केंद्र आठ केंद्रों में से एक है। यह केंद्र औद्योगिक विकास केंद्र, लुवांगमुआल, मिजोरम में स्थित है। 3 जुलाई 2015 को केंद्रीय वस्त्र मंत्री ने इस केंद्र की शिलान्यास किया था। नगालैंड और मिजोरम में कपड़ा और वस्त्र निर्माण केंद्र का उद्घाटन क्रमशः 5 अप्रैल, 2016 और 8 अप्रैल 2016 को किया गया था। पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी इस तरह केंद्र का निर्माण कार्य जारी है।
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