नई दिल्ली/हेरात. नरेंद्र मोदी का 5 देशों का दौरा शनिवार को शुरू हो गया। सबसे पहले पीएम अफगानिस्तान पहुंचे। यहां हेरात में उन्होंने 1700 करोड़ रुपए की कॉस्ट से तैयार सलमा डैम का इनॉगरेशन किया। इस दौरान मोदी के साथ अफगानिस्तान के प्रेसिडेंट अशरफ गनी भी मौजूद थे। वेस्टर्न हेरात की चिश्त-ए-शरीफ नदी पर बने इस डैम से 75,000 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और 42 मेगावॉट बिजली पैदा होगी।
अफगानिस्तान के बाद मोदी कतर, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मेक्सिको भी जाएंगे। 6 दिन के इस दौरे में वे 45 घंटे यानी करीब दो दिन हवा में रहेंगे। इस दौरान सभी पांच देशों में 40 से ज्यादा ऑफिशियल प्रोग्राम्स में हिस्सा लेंगे।
- मोदी पिछले दो साल में 50 से ज्यादा देशों का दौरा कर चुके हैं।
- इस दौरे पर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, फॉरेन इन्वेस्टमेंट और बिजनेस पर फोकस रहेगा।
- इसके अलावा, भारत न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की मेंबरशिप पाने के लिए इन देशों से समर्थन भी जुटाएगा। इस पर इसी महीने फैसला होना है।
- अमेरिका, स्विट्जरलैंड और मैक्सिको इस 48 मेंबर वाले स्पेशल ग्रुप में शामिल हैं। अमेरिका पहले ही भारत का सपोर्ट कर चुका है।
मेक्सिको से होगी वापसी
- मेक्सिको से लौटते वक्त मोदी का प्लेन फ्यूल भरवाने के लिए जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में लैंड करेगा।
- मोदी इस मौके को जर्मनी के साथ दोतरफा बातचीत में भुना सकते हैं। इसी तरह, मोदी पिछले साल आयरलैंड में रुके थे।
1976 में गृहयुद्ध में तबाह हो गया था सलमा डैम
- जिस सलमा डैम का इनॉगरेशन मोदी ने किया है वह 551 मीटर लंबा, 107 मीटर ऊंचा और 500 मीटर चौड़ा है।
- हेरात प्रांत में चिश्त-ए-शरीफ नदी पर भारत ने यह डैम बनवाया है। 1976 में यह गृहयुद्ध में तबाह हो गया था।
- इस बांध को बनाने का फैसला जनवरी 2006 में लिया गया था। उसी साल काम शुरू हुआ।
- वैसे तो ये डैम एक साल पहले ही बन गया था, लेकिन पिछले साल जुलाई में इसके गेट बंद कर दिए गए।
- नदी में पानी का बहाव कम होने से करीब 20 किलोमीटर लंबे और 3.7 किलोमीटर चौड़े इस डैम को भरने में एक साल लग गया।
- इस पर 42 मेगावाट बिजली भी बनाई जाएगी। इससे करीब 80 हजार हेक्टेयर खेतों में सिंचाई भी हो सकेगी।
- बता दें कि मोदी ने पिछले साल अफगानिस्तान के नए पार्लियामेंट हाउस का भी उद्घाटन किया था। ये भी भारत ने ही बनवाया है।
स्ट्रैटजिक इम्पॉर्टेंस: तालिबान की पैठ बढ़ रही है। ऐसे में, मोदी का यह दौरा राष्ट्रपति अशरफ गनी को मजबूती देगा।
अफगानिस्तान का दौरा अहम क्यों?
- फॉरेन मामलों के एक्सपर्ट रहीस सिंह बताते हैं- "अफगानिस्तान दौरा अहम है, क्योंकि ईरान से चाबहार समझौते के बाद अफगानिस्तान के जरांज-डेलारम हाइवे की अहमियत बढ़ गई है। भारत को इसका फायदा उठाने के लिए अफगानिस्तान के साथ मिलकर नई कोशिशें करनी होंगी। लेकिन इसका स्ट्रैटजिक फायदा तभी मिलेगा, जब वह पाक को बड़ा भाई मानने के सिंड्रोम से बाहर आए।"
मोदी के दौरों का मेन एजेंडा क्या है?
- एक्सपर्ट रहीस सिंह के मुताबिक, "मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्मार्ट सिटी मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट हैं। लेकिन जरूरी कैपिटल और टेक्नोलॉजी का इन्फ्लो भारत की तरफ नहीं दिखा है। सुस्त नौकरशाही, हाई टैक्स रेट्स और स्किल्ड वर्कर्स की कमी के चलते इन्वेस्टर्स उत्साह नहीं दिखा रहे हैं। मोदी इन कमियों को दूर करने का भरोसा जगा सकते हैं।"
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