प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले ताजमहल पर फिर से प्रदूषण का ख़तरा मंडरा रहा है. लेकिन इस बार ये कारण ज़रा अलग है.
पर्यावरणविदों के मुताबिक ताज के पास से गुज़रने वाली प्रदूषित यमुना नदी में पनप रहे कीड़े इस स्मारक में बड़े पैमाने पर घुस रहे हैं.
वही इसके सफेद संगमरमर की दीवारों पर हरे-काले रंग के अवशेष छोड़ रहे हैं.
17वीं सदी की इस इमारत पर कई सालों से प्रदूषण, निर्माण, श्मशान घाट और यहां तक कि बम का भी ख़तरा मंडराता रहा है.
प्रेम के इस प्रतीक पर भूत और भविष्य के पांच ख़तरों को जानें:
1. पर्यावरणविद डीके जोशी के मुताबिक चुरोनोमस कैलिग्राफस नाम के कीड़े के कारण ताजमहल हरा हो रहा है. जोशी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर कर कहा है कि प्रदूषित यमुना से आ रहे कीड़ों के कारण ताजमहल की खूबसूरती पर धब्बा लग रहा है.
फोन पर बीबीसी से बात करते हुए जोशी ने कहा कि 52 नालियों से गंदा पानी सीधे यमुना में आ रहा है जिससे कीड़ों को खाने वाली मछलियां मर रही हैं. इससे नदी में कीड़े भारी मात्रा में पनप रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को अधिकारियों से इस समस्या के कारणों का पता लगाने और उसका समाधान निकालने को कहा है.
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